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लेखनी कहानी -01-Apr-2022 अलविदा

अलविदा 


साथ यहीं तक था बस आपका और मेरा 
माफ करना दोस्तो, मन भर गया है मेरा 
आगे अब एक भी कदम चल नहीं पाऊँगा
"लेखनी" पर आज के बाद नजर नहीं आऊंगा 
मेरी नादानियों को आप सब माफ कर देना 
मेरी तरफ से अपना दिल साफ कर लेना 
आपके स्नेह को मैं कभी भूल नहीं पाऊंगा 
आपसे मिलने कभी कभी ख्वाबों में आऊंगा 
अलविदा का समय आ गया है विदा लेता हूं 
अपनी लेखनी को अब पूर्ण विराम देता हूं 

आपका अपना 
हरिशंकर गोयल " हरि"

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7 Comments

Seema Priyadarshini sahay

01-Apr-2022 09:19 PM

ऐसा क्या हो गया सर कहीं आप अप्रैल फूल तो नहीं बना रहे हैं

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Hari Shanker Goyal "Hari"

02-Apr-2022 12:14 AM

जी, इरादा तो अप्रैल फूल बनाने का ही है । 😀😀😀

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Anam ansari

01-Apr-2022 05:20 PM

👌👌👌

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Hari Shanker Goyal "Hari"

02-Apr-2022 12:13 AM

💐💐🙏🙏

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Seyad faizul murad

01-Apr-2022 02:14 PM

Good

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Hari Shanker Goyal "Hari"

02-Apr-2022 12:13 AM

💐💐🙏🙏

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